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भाव -25-Dec-2024

प्रतियोगिता हेतु 
दिनांक: 25/12/202

भाव

बढ़ने लगें हैं भाव ज़माने के दोस्तों 
जो कल तक थे अपने साथ , 
आज हो गए पराए दोस्तों।
ग़लती नहीं उनकी कुछ भी 
दोष है यह वक़्त था,
हवा चली कुछ ऐसी,,
सभी बदल गए दोस्तों। 
बढ़ने लगें हैं भाव ज़माने के दोस्तों 
जो कल तक थे अपने साथ,
आज हो गए पराए दोस्तों।

भाव बढ़ जाते अक्सर उनके  ही
जो पांव ज़मीन पर रखकर नहीं चलते हैं 
भाव खाते वही जो
अपने को सर्वोच्च समझते हैं 
कहने को कह दो चाहे कुछ भी 
आज अपने नहीं रहे वो दोस्तों 
बढ़ने लगें हैं भाव ज़माने के दोस्तों 
जो कल तक थे अपने साथ,
आज हो गए पराए दोस्तों।।

शाहाना परवीन'शान'...✍️
मुज़फ्फरनगर 





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5 Comments

Anjali korde

23-Jan-2025 05:57 AM

👌👌👌

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kashish

22-Jan-2025 01:17 PM

v nice

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RISHITA

20-Jan-2025 05:33 AM

👌👌👌

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